Thursday, May 9, 2024
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    जानिए सावन में सुहागिन महिलाएं कैसे करे शिवजी की पूजा

    सावन का महीना विवाहित स्त्रियों के लिए बेहद खास होता है। इस महीने में महिलाएं शिवजी की पूजा करके अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्‍त कर सकती हैं और अपने लिए अखंड सौभाग्‍यवती रहने सुख प्राप्‍त कर सकती हैं

    शास्‍त्रों में सुहागिन महिलाओं के लिए सावन से जुड़े कुछ नियम बताए गए है। आइए जानते हैं क्‍या है ये नियम और खास बातें।

    ऐसे करें शिवजी की पूजा-

    सावन के महीने में महिलाओं को रोजाना शिवजी की पूजा करनी चाहिए और कम से हर सोमवार को व्रत करना चाहिए रोजाना सुबह स्‍नान के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और उसके बाद पंचामृत से स्‍नान करवाएं। फिर अक्षत, फल, फूल चढ़ाएं। भगवान शिव की पूजा में सबसे जरूरी माना जाता है बेलपत्र

    बेलपत्र के साथ भांग और धतूरा भी शिवजी को अर्पित करें। सफेद चंदन चढ़ाएं और उसके बाद सफेद मिष्‍ठान से भोलेबाबा को रोजाना भोग लगाएं। अगर आप रोजाना यह सब नहीं कर सकती हैं तो शिवलिंग पर जल अवश्‍य चढ़ाएं इसके अलावा हर सोमवार को विधि विधान से शिवजी की पूजा अर्चना करें।
    हरी चूड़ियां-

    हरा रंग खुशहाली के साथ-साथ सावन के महीने का प्रतीक माना जाता है। इस मौसम में चारों ओर हरियाली बिखरी रहती है और प्र‍कृति भी हरे-भरे पेड़-पौधों की हरी चादर ओढ़े रहती है। इसलिए हरे रंग को खुशहाली से जोड़कर देखा जाता है। इस महीने में सुहागिन महिलाओं को अपने हाथ में हरी-हरी चूड़ियां जरूर पहननी चाहिए।

    काले कपड़े न पहनें-

    जहां तक संभव हो तो सुहागिन महिलाओं को सावन के महीने में काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए। काला रंग अशुभता का प्रतीक माना जाता है और कहते हैं कि यह रंग सुहागिन महिलाओं के लिए नहीं होता है। सावन के महीने में आपको अधिक से अधिक हरे, लाल और पीले रंग के वस्‍त्र ही पहनने चाहिए।

    पायल की झनकार-

    सावन के महीने में विवाहित महिलाओं के पैर में बिछिया और पायल जरूर रहना चाहिए। मान्‍यता है कि जो महिलाएं सावन के महीने में छन-छन करने वाली पायल पहनती हैं उनके घर में भोलेबाबा और पार्वती स्‍वयं पधारते हैं। इतना ही नहीं ऐसी महिलाओं को साक्षात लक्ष्‍मी का रूप माना जाता है और ऐसे लोगों के घर में कभी धन की कमी नहीं होती है।

    सुहागिन महिलाएं करें ये वस्‍तुएं दान-

    सावन के महीने में सोमवार के साथ-साथ मंगलवार के व्रत का भी खास महत्‍व होता है। मंगला गौरी के इस व्रत में माता पार्वती की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप व्रत नहीं भी करती हैं तो इस दिन श्रृंगार सामग्री का दान जरूर करें। ऐसा करके आप सदैव सौभाग्‍यवती रहने का आशीर्वाद मां पार्वती से प्राप्‍त करती हैं।

    हाथों में हरी-हरी मेंहदी-

    शायद ही कोई ऐसी महिला होगी कि जिसे हाथों में हरी-हरी मेंहदी लगाना न पसंद हो। सावन के महीने में सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्‍याओं को भी हाथों में मेंहदी लगानी चाहिए। ऐसा करने से जहां सुहागिन महिलाओं का दांपत्‍य जीवन खुशहाल रहता है वहीं कुंवारी लड़कियों को मनचाहे पति की प्राप्ति होती है।

    सोमवार को करें भजन कीर्तन-

    सावन के महीने में सुहागिन महिलाओं को हर सोमवार को शिवजी और पार्वतीजी के भजन करने चाहिए और सुखी रहने की प्रार्थना करना चाहिए। भगवान शिव और माता पार्वती थोड़े सी पूजा करने पर ही अपने भक्‍तों पर प्रसन्‍न हो जाते हैं और उन्‍हें सदैव सुखी संपन्‍न रहने का आशीष देते हैं।

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