Saturday, May 4, 2024
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    अब ओटीपी की जरूरत नहीं, मोबाइल मे बोलकर होगा लेनदेन का विकल्प, पढ़िए पूरी जानकारी

    डिजिटल प्लेटफॉर्म और मोबाइल के जरिए ऑनलाइन भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को जल्द ही नया विकल्प भी मिल सकता है

    बदलती तकनीक के बीच कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आवाज आधारित (वॉयस कमांड) भुगतान सुविधा लाने की तैयारी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह तरीका सबसे सुरक्षित होगा

    वर्तमान में आवाज आधारित कई मोबाइल एप्लीकेशन और असिस्टेंट उपलब्ध हैं। इनमें सिरी और एलेक्सा प्रमुख हैं आवाज आधारित सेवाएं कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध हैं

    भारत में 90 फीसदी नए इंटरनेट उपयोगकर्ता अपनी स्थानीय भाषा में सामग्री देखना पसंद करते हैं। करीब 60 फीसदी भारतीय यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए लेन-देन करते हैं

    एनक्रिप्टेड ध्वनि तरंगों का होगा इस्तेमाल विशेषज्ञों के अनुसार मौजदूा वक्त में डिजिटल भुगतान के जो विकल्प उपलब्ध हैं वो भी विश्वसनीय है, लेकिन इनके लिए खाता संख्या की निरंतर जांच और सुरक्षा संबंधी अन्य बातों का ध्यान रखना होता है

    डिजिटल धोखाधड़ी के मामले में देखने में आते हैं। आवाज आधारित तकनीक में एनक्रिप्टेड ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाएगा। ग्राहक भुगतान पूरा करने के लिए हेडफोन से आईवीआर से बात करके मोबाइल से तेज और आसानी से भुगतान कर सकेंगे

    ग्राहक को मोबाइल में यह सुविधा उपलब्ध कराने वाले भुगतान प्लेटफॉर्म को सक्रिय करना होगा। ये प्लेटफॉर्म कई सेवा प्रदाता मर्चेंट से जुड़े होंगे जैसे, कोई उपभोक्ता आवाज आधारित डिवाइस के साथ फूड ऐप का इस्तेमाल करता है तो वह ईयरफोन दबाकर मैन्यू खोल सकता है और अपना पसंदीदा भोजन चुन सकता है। बोलकर ऑर्डर देने के बाद भुगतान भी कर सकता है

    सुविधाए-

    1. इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता के बिना स्मार्ट और फीचर फोन दोनों पर पूरी तरह काम करेगा

    2. संपर्क रहित भुगतान की अनुमति देते हुए ध्वनि तरंगों का उपयोग करके डाटा को ट्रांसफर किया जाएगा

    3. उपयोगकर्ता आइटम खोजने, चुनने और भुगतान करने के लिए ध्वनि तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम होंगे

    देश में डिजिटल भुगतान मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष में वार्षिक आधार पर करीब 29 प्रतिशत बढ़ा है। रिजर्व बैंक के ऑनलाइन लेनदेन को मापने वाले ताजा सूचकांक से यह जानकारी मिली है

    रिजर्व बैंक का नवगठित डिजिटल भुगतान सूचकांक मार्च, 2022 में 349.3 रहा। सितंबर, 2021 में यह 304.06 और मार्च, 2021 में 270.59 पर था। रिजर्व बैंक ने बुधवार को बयान में कहा कि इस सूचकांक में उल्लेखीय वृद्धि देखने को मिली है जिससे पता चलता है कि हाल के बरसों में डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है।

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