Saturday, May 18, 2024
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    अफसरों के आगे मंत्री असहाय, यूपी में कामो के बांटवारे को लेकर असंतोषजनक माहौल

    जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की पेशकश के साथ ही प्रदेश सरकार में मंत्रियों और अफसरों में रार उभरकर सामने आ गई है। मंत्रियों की भीतरखाने सुगबुगाहट और छटपटाहट से साफ है कि वे अधिकारियों के आगे असहाय सा महसूस कर रहे हैं

    स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी, ग्राम्य विकास, आबकारी, माध्यमिक और ऊर्जा विभाग में तो मंत्रियों को ऐसे ही हालात से दो-चार होना पड़ रहा है। राज्यमंत्रियों में भी कैबिनेट मंत्रियों द्वारा कामकाज बांटवारे को लेकर असंतोष होने की चर्चाएं हैं यही वजह रही कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रियों को सामंजस्य बनाकर काम करने की हिदायत दी चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री ब्रजेश पाठक अपर मुख्य सचिव (एसीएस) अमित मोहन प्रसाद से तबादलों पर रिपोर्ट मांग कर इन चर्चाओं को पुख्ता आधार दे चुके हैं

    मुख्यमंत्री ने मामले में दो दिन में रिपोर्ट मांगी थी लेकिन नतीजा सिफर है। स्वास्थ्य विभाग में चर्चा है कि मंत्री की चल नहीं रही। लिहाजा, जिलों में औचक निरीक्षण कर अस्पतालों में सुविधाएं सुधारने के प्रयास पर अब ब्रजेश सुस्त से पड़े दिख रहे हैं। सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव और मंत्रियों में खटपट की चर्चाएं जोरों पर हैं

    परिणति यह है कि वह किसी राज्यमंत्री की सुनते नहीं। कैबिनेट मंत्री भी उनसे ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं रहते महकमे में प्रमुख सचिव की मनमानी के चर्चे आम हैं लेकिन उच्चाधिकारी इससे इनकार करते हैं

    माध्यमिक शिक्षा विभाग में मंत्री गुलाब देवी और एसीएस आराधना शुक्ला में तालमेल नहीं है। कई बार मीटिंग में मंत्री एसीएस से कड़ी नाराज़गी जता चुकी हैं लेकिन आराधना शुक्ल लंबे अरसे से वहीं बनी हुई हैं आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने भ्रष्टाचार में फंसे एक आबकारी अधिकारी को बर्खास्त करने के बारे में फाइल पर नोटिंग की

    चर्चा है कि विभाग के एक उच्चाधिकारी की ओर से बड़े आर्थिक दंड के रूप में उसकी पेंशन व इंक्रीमेंट कटौती की सिफारिश की गई थी। मंत्री ने अड़ कर अधिकारी को बर्खास्त करवाया। वह भी अपने एसीएस को लेकर सहज नहीं हैं

    उच्चशिक्षा विभाग के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के महकमे में एसीएस मोनिका एस गर्ग के अड़ियल रवैये के चलते मंत्री की न सुनने की चर्चाएं हैं। योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आईएएस अधिकारियों की प्रवृत्ति होती है कि हर मुद्दे पर अड़ंगा लगाएं कुछ मामलों पर अगर मतैक्य नहीं होता तो मैं मीटिंग कर उसे करवा लेता हूं

    कुछ ऐसी ही स्थिति ग्राम्य विकास विभाग में बताई जा रही है। अभी तक सब कुछ दबा छुपा है। चर्चाएं हैं कि एसीएस मनोज कुमार सिंह कैबिनेट मंत्री केशव प्रसाद मौर्य की बातों पर पूरी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा कि मनोज सिंह तो पूर्व मंत्री मोती सिंह की भी नहीं सुनते थे। मंत्री बदल गए लेकिन अधिकारी नहीं बदले। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में भी ऐसा ही हुआ। मंत्री ब्रजेश पाठक हुए लेकिन एसीएस अमित मोहन बरकरार हैं

    काम बंटवारे से राज्यमंत्री खिन्न-

    औद्योगिक विकास राज्यमंत्री जसवंत सैनी भी खिन्न हैं। उन्होंने काम बंटवारे पर कहा कि बाद में पूरी बात बताएंगे। उनके कार्य का बंटवारा हुआ है या नहीं? इस सवाल पर उन्होंने हां या न कुछ भी कहने से इनकार कर दिया

    श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल कोरी केवल समूह घ यानी चतुर्थ श्रेणी के तबादले का अधिकार मिलने से खिन्न हैं उन्होंने मंत्री से नियमतः समूह ग के तबादले का भी अधिकार मांगा है। एक राज्यमंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्हें जो अधिकार मिलना चाहिए था, कैबिनेट मंत्री ने अभी तक नहीं दिया

    योगी राज 1.0 में भी उठा था अधिकारियों का मुद्दा-

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में भी विधानसभा सत्र के दौरान अधिकारियों द्वारा बात न सुने जाने का मुद्दा उठा था। लगभग सौ से ज्यादा सत्ताधारी विधायकों ने इस मुद्दे पर शोर-शराबा कर कार्रवाई की मांग की थी

    सीएम ने कई बार जिलों में डीएम-एसपी को जनप्रतिनिधियों के सुझावों और उनकी शिकायतों को गंभीरता से सुनने के निर्देश दिए हैं प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा है कि राज्यमंत्रियों में नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। सभी मिलकर प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपस में सहयोग और संयुक्त प्रयास के साथ राज्य सरकार काम कर रही है

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